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कोरबा की जनता मांगे कलेक्टर अजीत वसंत, क्या है खास देखे इस खबर में…..


कोरबा, तेज तर्रार युवा कलेक्टर अजीत वसंत के समर्थन में कोरबा की जनता भी सामने आ रही है, कलेक्टर के द्वारा कोरबा जिले में किए गए कार्यों को कोरबा की जनता सराहना कर रही है, कोरबा कलेक्टर ने कोरबा जिले में मेडिकल कॉलेज के उन्नयन का कार्य किया जिससे कोरबा की जनता को मेडिकल सुविधा का लाभ मिल रहा है सुविधाओ के विस्तार से आज कोरबा मेडिकल कॉलेज में ओपीडी में 1200 से अधिक मरीजों की जांच हो रही है, जनदर्शन मे लोगो की एक समय की भीड़ बताती थी की अधिकारी कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग कर रहे है, लेकिन वर्तमान समय में जनता का कार्य अधिकारी कर्मचारी तय समय सीमा में कर रहे है,

 

कोरबा जिले के दूरस्थ स्कूल जो शिक्षक विहीन थे वहां डीएमएफ से शिक्षकों की पदस्थापना से बदली शासकीय स्कूलों की दशा और स्कूलों की मरम्मत से बच्चो को बेहतर भवन से बेहतर शिक्षा मिल रही है,

 

कोरबा जिले में डीएमएम से हजारों युवाओं को मेडिकल कॉलेज, स्कूलों में नौकरी।

 

डीएमएफ में कलेक्टर को जब से अध्यक्ष बनाया गया है उसके बाद से कलेक्टर अजीत वसंत के प्रयासों से कोरबा जिले की तस्वीर बदलती नजर आ रही है,

 

राजनीति चक्र व्यूह में फंसा कर कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत का किया जा रहा शोषण, बिना किसी राजनीति दबाव के कार्य करने वाले स्वच्छ कलेक्टर की छवि को धूमिल करने की कोशिश राजनीति से प्रेरित हो कर की जा रही है,

 

कोरबा की जनता कलेक्टर अजीत वसंत के कार्यकाल से खुश नजर आ रही है वही राजनीति करने वालो की दाल नही गलने से कलेक्टर के खिलाफ सुनियोजित तरीके से चक्रव्यूह रचा जा रहा है,

 

कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने मध्यप्रदेश से आए मजदूरों को करवाया था भुगतान, मजदूर के पिता की गांव में हो गई थी मृत्यु वन विभाग में कार्य के लिए रेंजर ने उनको कोरबा बुलाया और कार्य कराने के बाद मजदूरी का भुगतान नही कर रहे थे ऐसे में मजदूर भूखे प्यासे कोरबा कलेक्टर से मिलने पहुंचे इस दौरान कोरबा कलेक्टर के मौखिक आदेश पर तत्काल मजदूरों का भुगतान रेंजर के द्वारा किया गया, इस दौरान भूखे मजदूरों के भोजन नाश्ते की व्यवस्था का भी कलेक्टर अजीत वसंत के द्वारा की गई थी,

 

ऐसा की एक मामल और है जिसमे कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत स्वयं ग्रामीणों के समक्ष उपस्थित होकर उनका आवेदन लिया और उनकी मांगों पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही हेतु अधिकारियों को निर्देशित भी किया था,

 

मलगांव के सैंकड़ों ग्रामीणों बिना किसी सूचना के कोरबा कलेक्टर ऑफिस पहुंच गए इस दौरान अफरातफरी की स्थिति निर्मित हो गई तत्काल आनन फानन में सिविल लाइन थाना प्रभारी दल बल के साथ आए और स्थिति को शांत किया, इस दौरान कलेक्टर स्वयं अपने केबिन से उतर कर नीचे ग्रामीणों के समक्ष आ गए, कोरबा कलेक्टर को अपने सामने देख ग्रामीणों ने खुशी खुशी अपनी बात रखी जिसमे तत्काल कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर ने अधिकारियों कर्मचारियों को आदेश दिया था,

 

 

आप को बता दे की कलेक्टर कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू रहती है और बिना किसी सूचना के धरना प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंध रहता है, मलगांव के सैंकड़ों ग्रामीणों के अचानक आने से कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित जनमानस अधिकारी कर्मचारी सकते में आ गए थे क्यों की कुछ माह पूर्व बलौदा बाजार कलेक्टर कार्यालय में भी सैंकड़ों की संख्या ने घुस कर आगजनी की घटना को अंजाम दिया था ऐसे में सैंकड़ों ग्रामीणों को हादसे को कलेक्टर कार्यालय में देख लोग सकते में आ गए थे, ऐसे समय में स्वयं कलेक्टर का सामने आना और उनके मांगो को सुनना और उनको समझना उनके सरल स्वभाव व्यक्तिव और साहस को प्रदर्शित करता है,

 

*कोरबा की जनता की मांग*

 

*रोशन ठाकुर* पंप हाउस निवासी ने बताया की कोरबा की जनता की मांग को सर्वोपरि मानते हुए कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को कोरबा में रहना चाहिए, कोरबा में ऐसे अनेकों विकास कार्य जो जनता की जरूरत थी जिसे कोरबा कलेक्टर के द्वारा किया गया है हजारों लोगो को रोजगार मिला है, छात्र छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षकों की पदस्थापना पूर्ण पारदर्शी तरीके से की गई है,

 

 

*विपिन पांडेय* आरपी नगर निवासी ने बताया की कोरबा कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज को जल्द पूर्ण करने प्रयास किया और 130 एकड़ का छत्तीसगढ़ का सबसे बड़े क्षेत्रफल में बन रहे मेडिकल कॉलेज के लिए मेहनत की जिसका फल कोरबा की जनता को जल्द मिलने वाला है, मेडिकल कॉलेज में डीएमएफ से डॉक्टर की भर्ती की गई है जिससे कोरबा की जनता को रायपुर बिलासपुर जाने की आवश्यकता को खत्म किया गया, कोरबा मेडिकल कॉलेज में न्यूरो सर्जन और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर और एमआरआई मशीन की उपलब्धता के लिए प्रयास किया जा रहा था जिसमें एमआरआई मशीन एसईसीएल के सीएसआर से मिला रहा है ऐसे अनेकों कार्य कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने अपने कार्यकाल में किए है जिनके लाभ कोरबा की जनता को मिल रहा है,

 

*सतीश सोनवानी* मानिकपुर निवासी ने बताया की कोरबा जिले में भ्रष्टाचार चरम सीमा में था जिस पर कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने रोक लगाई और आज कोरबा जिले को एक अलग मुकाम तक पहुंचाया है, आज अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार करने से पहले दस बार सोचने को मजबूर है, छत्तीसगढ़ शासन राजनीति लाभ देने के लिए ऐसे स्वच्छ छवि कलेक्टर को हटा कर कोरबा जिले के विकास को पीछे लेकर जा रही है,

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